The Basic Principles Of Shiv chaisa
The Basic Principles Of Shiv chaisa
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
बुरी आत्माओं से मुक्ति के लिए, शनि के प्रकोप से बचने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ करें
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई Shiv chaisa ।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन shiv chalisa lyricsl क्षयकारी॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
It is believed that regular chanting of Shiva Chalisa with utmost shiv chalisa in hindi devotion has the ability to eliminate every one of the obstacles and troubles from one’s lifetime.